
भ्रष्टाचार की मीनार -डॉ एच सी विपिन कुमार जैन विख्यात
भ्रष्टाचार की मीनारों पर,
अपने कलंको को छुपाने के लिए।
सरकारी महकमे का इस्तेमाल करते हो।
धिक्कार है तुम पर,
अपने पापों से छुटकारा पाने को।
गीता- कुरान हाथ में लेकर, जमीन आसमान एक करते हो।
अरे बहरूपियों, भ्रष्टाचारियों।
अपने आप से तो डर।
कितने भेष बदलेगा।
अपने शेष जीवन के लिए,
कितना दौड़ेगा।
अपने कर्मों को छुपाने के लिए।